क्रिकेट कोचिंग की दुनिया में ऐतिहासिक उपलब्धि: डॉ. शबाब कुरैशी को पीएच.डी की उपाधि
रायपुर, छत्तीसगढ़ — जब जुनून, समर्पण और विद्या एक साथ चलते हैं, तो सफलता की कहानी बनती है। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है टर्मिनेटर क्रिकेट एकेडमी के संस्थापक और वरिष्ठ एन.आई.एस. क्रिकेट कोच डॉ. मोहम्मद शबाब बख्श कुरैशी की, जिन्होंने मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर से क्रिकेट में डॉक्टरेट (Ph.D) की उपाधि प्राप्त कर न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में खेल जगत को गौरवान्वित किया है।

शोध का विषय: खेल और व्यक्तित्व विकास का समन्वय
डॉ. कुरैशी का शोध विषय था:
“मोटर कौशल पर आधारित अंडर-19 क्रिकेट खिलाड़ियों की व्यक्तित्व एवं कौशल क्षमता का तुलनात्मक अध्ययन”।
इस अध्ययन में उन्होंने भारत के उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों की मानसिकता, तकनीकी दक्षता और सीखने की योग्यता का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। यह शोध देश के युवा खिलाड़ियों की ग्राउंड-लेवल समझ को एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परखने का प्रयास था।
🏛 शैक्षणिक जगत से मिली सराहना
मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. के.पी. यादव ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए कहा!
डॉ. शबाब कुरैशी का शोध कार्य क्रिकेट जगत के लिए एक अमूल्य योगदान है। यह न केवल मैट्स यूनिवर्सिटी के लिए गर्व का विषय है, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट कोचिंग सिस्टम के लिए भी प्रेरणादायक है।”
🏏टर्मिनेटर क्रिकेट एकेडमी की नींव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की उड़ान
डॉ. कुरैशी की कोचिंग में इंडिया-A, रणजी ट्रॉफी, विजी ट्रॉफी, NCA, BCCI और CSCS जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में भाग ले चुके खिलाड़ी तैयार हुए हैं। टर्मिनेटर क्रिकेट एकेडमी की चार शाखाओं में चल रही उनकी अकादमिक और खेल संबंधी पहल अब एक शोध आधारित मजबूत नींव पर खड़ी हो चुकी है।
🙏 भावनात्मक श्रेय और विनम्रता
अपनी इस सफलता का श्रेय डॉ. कुरैशी ने सबसे पहले अपने माता-पिता को दिया, और साथ ही उन्होंने आभार व्यक्त किया:
डॉ. श्रीमती रीता वेणुगोपाल राव
डॉ. सी.डी. अगासे
डॉ. रविंद्र मिश्रा
डॉ. राजीव चौधरी
डॉ. विजय चौरसिया
श्री नवीन शर्मा
श्री ज्ञानेश शर्मा
श्री इशाक खान
प्रो. हुसैनुल्लाह खान
डॉ. आयाज़ अहमद खान
इन सभी ने उनके शोध सफर में मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका निभाई।
🎉बधाइयों का तांता
पूरे राज्य के क्रिकेट प्रेमियों, अभिभावकों, खिलाड़ियों और खेल प्रशासकों ने इस गौरवशाली उपलब्धि पर डॉ. कुरैशी को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
निष्कर्ष
डॉ. शबाब कुरैशी की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि खेल अब केवल मैदान तक सीमित नहीं है, बल्कि उसका शैक्षणिक पक्ष भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उनकी मेहनत, सोच और दूरदृष्टि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।