RCB vs PBKS
“ई साला कप नम्दु!” – ये नारा अब सिर्फ एक मज़ाक नहीं, एक हकीकत बन चुका है।
हर साल ये उम्मीद लिए IPL शुरू होता था – और हर बार दिल टूटता था।
लेकिन 2025 की इस ऐतिहासिक गर्मी, RCB ने वो कर दिखाया जिसकी कल्पना हर फैन ने बचपन से की थी।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में, एक टीम नहीं, बल्कि 18 साल की आस, जुनून और समर्पण मैदान पर चमक रहा था।
अहमदाबाद का वो यादगार दृश्य – जब लाल रंग इमोशन बन गया था
4 जून 2025 – पूरा स्टेडियम जैसे एक लाल समुंदर बन गया था।
हर सीट पर बैठा एक RCB फैन, आंखों में सपना लिए बस एक ही सवाल कर रहा था – क्या आज हमारा दिन है?
और जवाब आया – पूरे आत्मविश्वास से, “हाँ!”
RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर वो मुकाम छू लिया, जिसकी हर फैन ने सालों से कल्पना की थी।
RCB की बैटिंग – समझदारी, क्लास और अनुभव का मेल
पंजाब ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी, लेकिन RCB की तरफ से कोई घबराहट नहीं थी – बस एक गहरी शांति और योजना दिख रही थी।
विराट कोहली – इस टीम की आत्मा – क्रीज़ पर उतरे और 43 रन की संयमित, क्लासिक और दबाव में खेली गई पारी से शुरुआत को मजबूती दी।
राजत पाटीदार ने बतौर कप्तान गजब का संतुलन दिखाया – न कोई जल्दबाज़ी, न कोई घबराहट।
फिल सॉल्ट और जितेश शर्मा ने बीच के ओवर्स में तेज़ गति से रन बटोरे, मैदान के हर कोने में शॉट्स बिखेरे।
हालांकि आख़िरी ओवर्स में रन फ्लो थमा, लेकिन 190 का स्कोर बोर्ड पर चमक रहा था – एक फाइनल मैच के लिए बेहद प्रतिस्पर्धात्मक।

RCB vs PBKS
PBKS की पारी – जब एक तूफान ने मैच को सांसों की रेस बना दिया
191 के लक्ष्य के जवाब में पंजाब की शुरुआत तेज़ थी – प्रभसिमरन और प्रियांश ने 43 रन की ठोस शुरुआत दी।
जॉश इंग्लिस ने 39 रन की आक्रामक पारी खेलकर स्कोरबोर्ड को लगातार चलायमान रखा।
लेकिन असली मोड़ तब आया जब मैदान पर शशांक सिंह उतरे – और देखते ही देखते, 30 गेंदों में 61 रन बनाकर मुकाबले में जान फूंक दी।
हर छक्का जैसे RCB फैंस के दिल को डुबोता, हर चौका जैसे उम्मीद की डोर तोड़ता।
लेकिन दूसरी ओर, RCB के गेंदबाज़ों ने हार नहीं मानी – उन्होंने एक-एक विकेट लेकर वापसी की नींव रखी।
गेंदबाज़ी – RCB की वो दीवार, जिसने हर तूफान झेला
कृणाल पंड्या ने मिडल ओवर्स में स्पिन से ऐसी गांठ बांधी कि रन रोकना शुरू हो गया।
भुवनेश्वर कुमार – डेथ ओवर्स के बेताज बादशाह, अपने अनुभव से एक-एक गेंद पर नियंत्रण बनाए रखे।
हेज़लवुड, यश दयाल और कप्तान पाटीदार ने प्लान के अनुसार गेंदबाज़ों को रोटेट किया और पंजाब को बांध दिया।
आख़िरी ओवर में चाहिए थे 17 रन।
भुवी सामने थे, शशांक पूरी रफ्तार में – पूरा स्टेडियम साँस रोके देख रहा था।

RCB vs PBKS :- वो ऐतिहासिक क्षण – जब विराट कोहली की आंखों से बहती थीं जीत की बूंदें
आख़िरी गेंद पर भले ही एक छक्का पड़ा, लेकिन मैच RCB के नाम हो चुका था।
विराट कोहली घुटनों पर गिर पड़े, आंखों में आंसू, दिल में संतोष, और चेहरे पर एक ऐसी मुस्कान – जो सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक सपना पूरा होने की गवाही दे रही थी।
पास में एबी डिविलियर्स खड़े थे, आंखों में चमक लिए – जैसे वो भी उस पल को जी रहे हों, जिसे उन्होंने कभी अपने हाथों से नहीं छुआ था।
और तभी आए क्रिस गेल – अपनी ट्रेडमार्क पगड़ी में, पूरे आत्मविश्वास से।
तीनों लीजेंड्स ने मिलकर ट्रॉफी उठाई – और वो पल अमर हो गया।
विराट कोहली की भावुक आवाज़ – “ये जीत सिर्फ मेरी नहीं…”
“18 साल की उम्र में इस टीम से जुड़ा था…
आज, जब इस ट्रॉफी को छू रहा हूं, तो लगता है कि पूरा जीवन इसी पल के लिए जिया।
मैंने कभी हार नहीं मानी – और इसीलिए ये जीत, हर उस इंसान की है जिसने कभी हमारा साथ नहीं छोड़ा।

RCB vs PBKS :-
RCB के नायक – हर किरदार बना हीरो
विराट कोहली: 500+ रन – कप्तान नहीं थे, लेकिन हर रन में लीडरशिप झलकती थी
राजत पाटीदार: शांत कप्तान, सटीक फैसले, ज़िम्मेदार पारी
कृणाल पंड्या: प्लेयर ऑफ द मैच – स्पिन से मैच की धड़कन थामी
भुवी: पुराना तजुर्बा, आज भी डेथ ओवरों के मास्टर
फिल सॉल्ट और जितेश शर्मा: बल्लेबाज़ी में जान
यश दयाल, पडिक्कल, डेविड: जब ज़रूरत पड़ी, टीम के लिए सीना तान दिया

RCB vs PBKS :- जश्न की तस्वीरें – जो हर फैन की आंखों में हमेशा के लिए बस गईं
विराट कोहली – आंखों में चमक, हाथ में ट्रॉफी
अनुष्का शर्मा – गर्व से मुस्कराती हुई, सबसे खास पल की साक्षी
कृणाल पंड्या – बेटे को गोद में लिए, ट्रॉफी के साथ फोटो
देवदत्त पडिक्कल – पूरे ग्राउंड का चक्कर लगाते हुए
फैंस – जर्सी हवा में, चेहरों पर खुशी, आंसुओं में मिली जीत
स्टेडियम रंग-बिरंगी कॉन्फेटी, पटाखों की गूंज और “RCB! RCB!” की लहर से गूंज उठा।
IPL 2025 अवॉर्ड्स – RCB की जीत, और बाकी स्टार्स की चमक
ऑरेंज कैप: साई सुदर्शन – 759 रन

RCB vs PBKS :- पर्पल कैप: प्रसिद्ध कृष्णा – 25 विकेट
MVP: सूर्यकुमार यादव
इमर्जिंग प्लेयर: साई सुदर्शन
बेस्ट कैच: कमिंदु मेंडिस
फेयरप्ले अवॉर्ड: चेन्नई सुपर किंग्स
RCB की जीत – सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, भरोसे की जीत है
ये जीत उन सभी के नाम है –
जो हर IPL में हारने के बाद भी टीम का नाम गर्व से लेते रहे
जिन्होंने सोशल मीडिया पर मज़ाक सहा, लेकिन कभी जर्सी नहीं उतारी
जो कहते थे – “RCB हारती है, लेकिन सपने नहीं छोड़ती”
आज सिर्फ RCB नहीं जीती,
आज हर वो दिल जीता है, जिसने उम्मीद नहीं छोड़ी।
अब पूरे गर्व से कहिए – “ई साला कप नम्दु!”
बेंगलुरु से ब्रुकलिन तक, रांची से रियाद तक –
हर कोने में गूंज रही है एक ही आवाज़:
RCB चैंपियन है!
